Add To collaction

मिस्टर ब्लैक:—ए डार्क सुपरहीरो [2]

             [ब्लैक रिवर]






वह शख्स उन जीवों को लेकर जंगल की गहराई में उस स्थान पर चला गया जिस स्थान पर दिन के उजाले के बावजूद भी घना अंधेरा छाया हुआ था। उस स्थान पर मौजूद पेड़ सूखकर काले पड़ चुके थे और जगह जगह जानवरों और पक्षियों के कंकाल बिखरे पड़े थे। जमीन भी सूखकर बंजर और काली पड़ चुकी थी। जीवन का कोई नामोनिशान नही था। चारो तरफ एक अजीब सी मनहूसियत छाई हुई थी।

"तुम्हारा एक बार फिर से स्वागत है वीर।" वहां पर पहले से मौजूद एक शख्स ने वीर नामक उस शख्स का स्वागत करते हुए कहा।

"मुझे भी तुमसे एक बार फिर से मिलकर अच्छा लगा शैडो। कहो यहां कैसे आना हुआ?" वीर नामक उस शख्स ने शैडो को हैरानी से देखते हुए कहा।

"मैं भी यहां वही करने आया हूँ वीर जो तुम करने आये हो। तुम्हारी वेयरवोल्फ की सेना आजाद हो चुकी है और अब समय आ गया है मेरी पिशाचो की सेना के मुक्त होने का।" शैडो ने अपनी धीमी आवाज में कहा।

"औऱ उसके बाद हम दोनों मिलकर उस ब्लैक को खत्म कर देंगे जिसकी वजह से हमे इतने लंबे समय तक कैद में रहना पड़ा। वह हम दोनों की ताकत का मुकाबला नही कर पायेगा।" वीर शैतानी हंसी हंसते हुए बोला।

"शैतान ने चाहा तो ऐसा ही होगा।" शैडो ने वीर के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा। इसके बाद वे दोनों पूर्व की दिशा में आगे बढ़ गए।

वे दोनों आगे बढ़ते हुए जंगल के अंतिम छोर पर उस स्थान पर पहुंच गए जहाँ पेड़ो की संख्या काफी कम थी। आगे चलकर खुला और सपाट मैदान आ गया था। वे दोनों चलते हुए वहां मौजूद एक दैत्याकार वृक्ष के पास जा पहुंचे। वीर की सेना भी उसके पीछे पीछे आ रही थी।

शैडो ने उस वृक्ष के तने में बने छेद में अपनी पैशाचिक भाषा में कुछ फुसफुसाते हुए कहा और देखते ही देखते वृक्ष के तने में एक बहुत बड़ा छेद उत्पन्न हो गया। वह छेद इतना बड़ा था कि तीन लोग उसमे एक साथ आसानी से खड़े हो सकते थे।

वृक्ष के तने के अंदर सघन अंधेरा छाया हुआ था। तने के छेद के अंदर क्या था कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। सबसे पहले शैडो उस तने के अंदर गया उसके बाद वीर और वीर के पीछे देखते ही देखते उसकी सैंकड़ो की फौज वृक्ष के अंदर समा गई। उन लोगो के वृक्ष के अंदर जाने के तुरंत बाद वृक्ष का छेद अपने आप बन्द हो गया।









**********







शिमला के एक रेस्टोरेंट में छः दोस्त गोल टेबल के चारो और बैठे हुए थे। उन सभी का हुलिया लगभग एक जैसा था। सभी ने ब्लैक जीन्स सफेद शर्ट और उसके ऊपर जैकेट पहनी हुई थी लेकिन उनमें से एक का हुलिया उनसे बिल्कुल भी मेल नहीं खाता था। उस युवक ने ब्लैक फुल बाजू की शर्ट और डार्क ब्लैक जीन्स पहनी हुई थी। वह युवक चेयर पर पीछे की तरफ लेटा हुआ बैठा था और उसने अपने चेहरे को रुमाल से ढक रखा था।

रेस्टोरेंट में लगे tv में शिमला के जंगलों में घटी घटना के बारे में बताया जा रहा था। जंगल में हुए नरसंहार को विपक्ष के लोग सरकार की लापरवाही बता रहे थे जबकि सरकार के मुताबिक इन सबके पीछे किसी आतंकवादी गिरोह का हाथ था।

टेबल पर बैठे वे सभी लोग बड़े गौर से इस खबर को देख रहे थे। वे सभी देखने से कॉलेज के स्टूडेंट लगते थे जिनकी उम्र चौबीस पच्चीस के करीब थी।

"क्या लगता है अरुण ये किसका काम होगा?" टेबल पर बैठे एक युवक ने जिसने सिर पर काले रंग की कैप पहनी हुई थी अपने पास बैठे अरुण से पूछा।

"वीर के अलावा ये किसका काम हो सकता है। आखिर इस तरह की फौज तो सिर्फ उसके पास ही है जो लोगो को इतनी बेरहमी से मारती है।" अरुण ने रजत की बात का जवाब दिया।

"अगर वीर आजाद हो चुका है तो तुम्हे नही लगता की शैडो भी आजाद हो गया होगा।" वहां बैठे एक दुबले पतले लड़के ने कहा जिसने अपनी आंखों पर मोटे फ्रेम का चश्मा लगाया हुआ था।

"हो सकता है रुद्र..... लेकिन इसके बारे मे तो ये सोते हुए भाई साहब ही बता सकते है।" रजत ने काले कपड़ो वाले उस युवक की तरफ इशारा किया जोकि अभी भी चेयर पर पीछे की तरफ लुढ़का हुआ था।

उन लोगो की बातचित आगे बढ़ ही रही थी कि वेटर ने आकर उसमे व्यवधान उत्पन्न कर दिया।

"आप लोग क्या लेंगे सर।" वेटर ने उन लोगो से कहा। उसके हाथ मे आर्डर लेने के लिए एक नोट बुक और एक पेन था। वेटर तकरीबन उन लोगो की उम्र का ही था।

"ओये कुछ खायेगा या ऐसे ही सोता रहेगा।" अरुण ने अपने कुम्भकर्ण प्रजाति के दोस्त को हिलाते हुए कहा। उस युवक ने कोई जवाब नही दिया।

अरुण वेटर की तरफ मुडा और उसने उससे कहा:– "ऐसा करो हम सब के लिए टमाटर सुप और बर्गर ले आओ।" 

"ओक सर।" उन लोगों का आर्डर लेकर वेटर वहां से चला गया। वेटर के जाने के बाद वे लोग फिर से अपनी बातचीत में लग गए।

"अगर वे लोग काले जंगल में चले गए तो।" रजत ने सभी की तरफ सवालिया निगाहों से देखते हुए कहा। किसी ने कोई जवाब नहीं। सब चेयर पर अजीब मुद्रा में लेटे हुए युवक की तरफ देखने लगे।

"कुछ तो जवाब दे ब्लैक। वैसे भी ये तेरा फैलाया हुआ रायता है तो इसे तू ही समेटेगा।" अरुण ने चेयर पर लेटे ब्लैक की तरफ देखते हुए कहा।

"वे लोग काले जंगल पहुंच चुके है।" ब्लैक ने अपनी धीमी फुसफुसाती हुई आवाज में कहा। इसके बाद उसने अपने चेहरे से रुमाल हटाया और चेयर पर सीधे बैठ गया। ब्लैक एक उन्नीस बीस साल का युवक था जिसके बाल गर्दन तक लम्बे घने और अँधेरे से भी काले थे। उसके चेहरे को देखकर लगता मानो उसे पत्थर पर तराशकर बनाया गया हो।

"वे लोग वहां जाकर क्या करना चाहते है?" काफी समय से चुप बैठे राघव ने ब्लैक से पूछा।

"अभी के लिए वे लोग काले जंगल में मौजूद ब्लैक रिवर के पास जाएंगे और वहां की गुफाओं से पिशाचों की फौज को आजाद करेंगे। इसके बाद वे लोग ब्लैक रिवर के अंदर पड़ी काली छड़ी को निकालने की कोशिश करेंगे। अगर वे लोग काली छड़ी नही निकाल पाए जोकि वे वैसे भी नही निकाल पाएंगे तो वे सबसे पहले अपनी ताकत बढ़ाएंगे और फिर वे मुझे ढूंढेंगे।" ब्लैक ने धीमे से कहा।

इतने में वेटर उन लोगो का आर्डर लेकर आ गया। तभी उसका ध्यान ब्लैक की तरफ गया जिसका चेहरा अब तक ढका हुआ था। ब्लैक वहां मौजूद लोगों में सबसे अलग और रहस्यमय लग रहा था और सबसे ज्यादा रहस्यमय उसकी आंखें थी जोकि बीटल की तरह काली और पानीदार थी। ब्लैक ने जैसे ही इस बात को भांपा तो वह वेटर की तरफ मुड़ा और बोला :– "बिल कितना हुआ।" ब्लैक की आवाज काफी शांत और गम्भीर थी।

"अ... पाँच सौ रुपये सर।" वेटर ने कहा।

"बिल हम दे देंगे.....।" रजत ने ब्लैक की तरफ देखते हुए कहा।

"मैं बिल दे भी नहीं रहा हूँ.....बिल तो तुम्ही लोग दोगे आखिर यहां आने का आइडिया तुम लोगो का था।" ब्लैक मुस्कुराते हुए बोला।

"कंजूस कहीं का।" रजत धीरे से बड़बड़ाकर बोला और उसने वेटर को बिल देकर चलता किया।

"तो तुम इतनी देर से आंखे बंद करके सब कुछ लाइव देख रहे थे।" रुद्र ने कहा।

"बिल्कुल .....तुम्हे क्या लगा मै सो रहा था।" ब्लैक व्यंग कसते हुए बोला।

"वो तो ठीक है लेकिन तुम्हारा आगे का प्लान क्या होगा।" अरुण ने पूछा।

"अभी के लिए कुछ नही। फिलहाल मुझे डीमन लॉर्ड पर नजर रखनी है।" इतना कहक़र ब्लैक ने अपना चेहरा मास्क से ढका और वहां से चला गया।















*************











वीर और शैडो कुछ देर आगे बढ़ते रहे। जैसे ही वे उस तिलिस्मी वृक्ष से बाहर निकले तो वे काले जंगल की जमीन पर खड़े थे। उसके बाद वही हुआ जो ब्लैक ने कहा था। शैडो ने सबसे पहले वहां मौजूद छोटी बड़ी गुफाओ से अपनी पिशाचों की फौज को आजाद करवाया। इसके बाद वीर और शैडो ब्लैक रिवर के पास खड़े हुए थे।

"क्या हम इस छड़ी को यहां से बाहर नहीं निकाल सकते।" वीर ने शैडो से पूछा।

"इस रिवर पर ब्लैक का जादू है। इसे तोड़ने के लिए हमे इस रिवर में 100 लोगो की बली देनी होंगी।" शैडो ने नदी की सतह पर देखते हुए कहा। नदी का पानी इतना काला था कि उसकी शैतानी आंखे भी पानी की सतह के नीचे नही देख पा रही थी।

"और वे 100 लोग हमें यहां से कुछ दूर बसे गांव में मिलेंगे।" कहकर वीर जोर जोर से हंसने लगा।

"अब तुम्हे हमसे कोई नही बचा सकता ब्लैक।" इतना कहकर शैडो भी उसके साथ साथ हंसने लगा।











***********


   10
3 Comments

🤫

10-Dec-2021 04:40 PM

Kafi achchi kahani ja rahi h, aapki...!

Reply

Seema Priyadarshini sahay

29-Nov-2021 05:22 PM

बहुत बढ़िया।कलम की करामात👌

Reply

Author Pawan saxena

29-Nov-2021 03:36 PM

kafi achcha part hai .... shayd next part me super hero ke entry gazab hoge ...

Reply